बर्ड फ्लू एक विषाणुजनित रोग है. जिसे पक्षियों से लगने वाला भारी जुखाम भी कहा जाता है, बर्ड फ्लू का विषाणु अन्य वायरस की तरह एक इन्सान से दुसरे इन्सान में नहीं फैलता है. यह बीमारी जंगली पक्षियों, सूअर, और यहां तक कि गीधो में भी फ़ैल चुकी है.
सबसे ज्यादा रोगजनक Avian Influenza बर्ड फ्लू वायरस H5N1 है यह पक्षियों के लिए सबसे ज्यादा घातक है, इसके अलावा यह इंसानों के लिए भी घातक है . एक अन्य बर्ड फ्लू वायरस H7N9 है जो कि बहुत हानिकारक नहीं है. इसके अलावा कई और बर्ड फ्लू वायरस हैं जैसे की H6N1, H5N6 और H10N8.
इंसानों को ऐसे प्रभावित करता है बर्ड फ्लू ?
ये वायरस इंसानों के लिए भी घातक है लेकिन उनमें ये बीमारी संक्रमित मुर्गियों या अन्य पक्षियों के बेहद निकट रहने से ही फैलती है. यानि मुर्गी की अलग-अलग प्रजातियों से डायरेक्ट या इन्डायरेक्ट कॉन्टेक्ट में रहने से इंसानों में बर्ड फ्लू वायरस फैलता है फिर चाहे मुर्गी जिंदा हो या मरी हुई हो. इंसानों में ये वायरस उनकी आंखों, मुंह और नाक के जरिए फैलता है. इसके अलावा बर्ड्स की सफाई या उन्हें नोंचने से भी इंफेक्शन फैलता है.
अगर बर्ड फ्लू का सही से इलाज ना करवाया जाएं तो ये वायरस बढ़कर कई अंगों को फेल कर सकता है.
जो लोग संक्रमित पक्षियों के या उनके मल के संपर्क में आते है या रहते है उन्हें ये रोग होने के चांस ज्यादा रहते है. कुछ लोगों को पक्षियों की सफाई या संक्रमित पक्षियों मारने या खाने से भी H5N1 संक्रमण हो जाता है।
जो लोग संक्रमित चिकन या दुसरे पक्षियों को खाते है या अंडे खाते है तो उनमे भी ये बीमारी फ़ैल जाती है लेकिन ऐसा माना जाता है की अगर उन्हें सही से अच्छी तरह पका कर खाया जाये तो तो वायरस बेअसर हो जाता है.
बर्ड फ्लू के लक्षण:
बुखार
हमेशा कफ रहना
नाक बहना
सिर में दर्द रहना
गले में सूजन
मांसपेशियों में दर्द
दस्त होना
हर वक्त उल्टी-उल्टी सा महसूस होना
पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना
सांस लेने में समस्या, सांस ना आना, निमोनिया होने लगता है
आंख में कंजंक्टिवाइटिस.
बर्ड फ्लू के लिए कौन सा टेस्ट करवाना चाहिए?
व्यक्ति के गले से बलगम की जाँच से पता चल जाता है की व्यक्ति H5N1 वायरस से संक्रमित है या नहीं.
क्या बरतें सावधानियां ?
मरे हुए पक्षियों से दूर रहें
अगर आपके आस-पास किसी पक्षी की मौत हो जाती है तो इसकी सूचना संबंधित विभाग को दें
बर्ड फ्लू वाले एरिया में नॉनवेज ना खाएं
जहां से नॉनवेज खरीदें वहां सफाई का पूरा ध्यान रखें
कोशिश करें कि मुह पर मास्क पहनकर बाहर निकलें
गर्म पानी और साबुन के साथ नियमित रूप से हाथ धोएं, मुर्गी और अंडे को इस्तेमाल करते समय और बाद में, अपने हाथो को अच्छी तरह साबुन और पानी धोना चाहिए. खाँसी और छींकने वाले लोगों से दूर रहें अगर आप पोल्ट्री या पालतू पक्षियों के साथ काम कर रहे हैं, तो अतिरिक्त सावधान रहना मांस से बचें: विशेष रूप से चिकन, बत्तख, आदि हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स कहती है की यदि मांस को ठीक तरीके से पकाया गया है तो चिकन खाने के लिए सुरक्षित कर रहे हैं.
अगर किसी भी खाने को 700 C पर 30 मिनट तक अच्छी तरह पकाया जाये तो बर्ड फ्लू का वायरस नष्ट हो जाता है.
क्या है बर्ड फ्लू का इलाज ?
बर्ड फ्लू का इलाज एंटीवायरल ड्रग
ओसेल्टामिविर (टैमीफ्लू) (oseltamivir (Tamiflu) )
ज़ानामिविर (रेलेएंजा) (zanamivir (Relenza))
से किया जाता है. इस वायरस को कम करने के लिए पूरी तरह आराम करना चाहिए। स्वस्थ आहार लेनी चाहिए जिसमें अधिक से अधिक लिक्विड हो। बर्ड फ्लू अन्य लोगों में ना फैले इसके लिए मरीज को एकांत में रखना चाहिए.
बर्ड फ्लू के लिए किसी भी तरह का कोई वैक्सीन नहीं हैं
सबसे ज्यादा रोगजनक Avian Influenza बर्ड फ्लू वायरस H5N1 है यह पक्षियों के लिए सबसे ज्यादा घातक है, इसके अलावा यह इंसानों के लिए भी घातक है . एक अन्य बर्ड फ्लू वायरस H7N9 है जो कि बहुत हानिकारक नहीं है. इसके अलावा कई और बर्ड फ्लू वायरस हैं जैसे की H6N1, H5N6 और H10N8.
इंसानों को ऐसे प्रभावित करता है बर्ड फ्लू ?
ये वायरस इंसानों के लिए भी घातक है लेकिन उनमें ये बीमारी संक्रमित मुर्गियों या अन्य पक्षियों के बेहद निकट रहने से ही फैलती है. यानि मुर्गी की अलग-अलग प्रजातियों से डायरेक्ट या इन्डायरेक्ट कॉन्टेक्ट में रहने से इंसानों में बर्ड फ्लू वायरस फैलता है फिर चाहे मुर्गी जिंदा हो या मरी हुई हो. इंसानों में ये वायरस उनकी आंखों, मुंह और नाक के जरिए फैलता है. इसके अलावा बर्ड्स की सफाई या उन्हें नोंचने से भी इंफेक्शन फैलता है.
अगर बर्ड फ्लू का सही से इलाज ना करवाया जाएं तो ये वायरस बढ़कर कई अंगों को फेल कर सकता है.
जो लोग संक्रमित पक्षियों के या उनके मल के संपर्क में आते है या रहते है उन्हें ये रोग होने के चांस ज्यादा रहते है. कुछ लोगों को पक्षियों की सफाई या संक्रमित पक्षियों मारने या खाने से भी H5N1 संक्रमण हो जाता है।
जो लोग संक्रमित चिकन या दुसरे पक्षियों को खाते है या अंडे खाते है तो उनमे भी ये बीमारी फ़ैल जाती है लेकिन ऐसा माना जाता है की अगर उन्हें सही से अच्छी तरह पका कर खाया जाये तो तो वायरस बेअसर हो जाता है.
बर्ड फ्लू के लक्षण:
बुखार
हमेशा कफ रहना
नाक बहना
सिर में दर्द रहना
गले में सूजन
मांसपेशियों में दर्द
दस्त होना
हर वक्त उल्टी-उल्टी सा महसूस होना
पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना
सांस लेने में समस्या, सांस ना आना, निमोनिया होने लगता है
आंख में कंजंक्टिवाइटिस.
बर्ड फ्लू के लिए कौन सा टेस्ट करवाना चाहिए?
व्यक्ति के गले से बलगम की जाँच से पता चल जाता है की व्यक्ति H5N1 वायरस से संक्रमित है या नहीं.
क्या बरतें सावधानियां ?
मरे हुए पक्षियों से दूर रहें
अगर आपके आस-पास किसी पक्षी की मौत हो जाती है तो इसकी सूचना संबंधित विभाग को दें
बर्ड फ्लू वाले एरिया में नॉनवेज ना खाएं
जहां से नॉनवेज खरीदें वहां सफाई का पूरा ध्यान रखें
कोशिश करें कि मुह पर मास्क पहनकर बाहर निकलें
गर्म पानी और साबुन के साथ नियमित रूप से हाथ धोएं, मुर्गी और अंडे को इस्तेमाल करते समय और बाद में, अपने हाथो को अच्छी तरह साबुन और पानी धोना चाहिए. खाँसी और छींकने वाले लोगों से दूर रहें अगर आप पोल्ट्री या पालतू पक्षियों के साथ काम कर रहे हैं, तो अतिरिक्त सावधान रहना मांस से बचें: विशेष रूप से चिकन, बत्तख, आदि हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स कहती है की यदि मांस को ठीक तरीके से पकाया गया है तो चिकन खाने के लिए सुरक्षित कर रहे हैं.
अगर किसी भी खाने को 700 C पर 30 मिनट तक अच्छी तरह पकाया जाये तो बर्ड फ्लू का वायरस नष्ट हो जाता है.
क्या है बर्ड फ्लू का इलाज ?
बर्ड फ्लू का इलाज एंटीवायरल ड्रग
ओसेल्टामिविर (टैमीफ्लू) (oseltamivir (Tamiflu) )
ज़ानामिविर (रेलेएंजा) (zanamivir (Relenza))
से किया जाता है. इस वायरस को कम करने के लिए पूरी तरह आराम करना चाहिए। स्वस्थ आहार लेनी चाहिए जिसमें अधिक से अधिक लिक्विड हो। बर्ड फ्लू अन्य लोगों में ना फैले इसके लिए मरीज को एकांत में रखना चाहिए.
बर्ड फ्लू के लिए किसी भी तरह का कोई वैक्सीन नहीं हैं
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